सरकार ने साफ कह दिया है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के वाइस चांसलर जगदीश कुमार को नहीं हटाया जाएगा। दरअसल, जेएनयू में फीस बढ़ाने के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन सीएए और एनआरसी के विरोध की आड़ में हिंसक हो गए। आपको जानकर हैरानी होगी कि जेएनयू में एक छात्र को मात्र 240 रुपये ट्यूशन फीस , 6 रुपये पुस्तकालय के प्रयोग के लिए और 40 रुपये की रिफंडएबल सिक्योरिटी देनी पड़ती है । जबकि जेएनयू के पड़ोसी आईआईटी दिल्ली में छात्रों को लगभग 2.50 लाख रुपये सालाना फीस देनी पड़ती है और आई आई एम के छात्रों को पांच से दस लाख प्रति वर्ष फीस देनी पड़ती है । सरकार ने जेएनयू की फीस में मामूली सी बढोतरी की तो छात्रों के नाम पर नेता बनने वालों ने हंगामा बरपा कर दिया। जबकि आईआईटी और आईएमएम के छात्र नतो कभी फील वृद्धि का विरोध करते हैं और ना ही जेएनयू के छात्रों की तरह आंदोलन , हिंसक प्रदर्शन और राजनीति करते हैं । जब इतने सस्ते में पॉश इलाके में पूरी सुख सुविधाओं के साथ जीवन आराम से बीत रहा है तो फिर नौकरी तलाशने की क्या जल्दी है । 35-37 साल की आयु वाले भी यहां छात्र ही कहलाते हैं । इसी कारण सरकार ने निर्णय लिया है कि फीस वृद्धि का निर्णय लेकर वीसी ने कुछ गलत नहीं किया है और उन्हें पद से नहीं हटाया जाएगा।
इसी बीच, परिसर में पिछले हफ्ते हुए हमले के सिलसिले में दिल्ली पुलिस को 3 और शिकायतें मिली हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 5 जनवरी की घटना के संबंध में अब तक कुल 14 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। वहीं हिंसा के बाद बने हालात पर बातचीत के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विभाग ने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर जगदीश कुमार और उनके इस्तीफे की मांग पर अड़े छात्रों को शुक्रवार को दोपहर बाद मिलने के लिए बुलाया है। इस मुद्दे पर एक दिन पहले छात्रों और विभाग के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में कोई नतिजा नहीं निकला था। विभाग द्वारा 2 दिन पहले भी वीसी जगदीश कुमार को तलब किया गया था। जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय शिक्षा सचिव अमित खरे से मुलाकात कर उन्हें जेएनयू हिंसा और उसके बाद की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी।
कुल 14 शिकायतों पर जांच कर रही पुलिस
मालूम हो कि 5 जनवरी को कुछ नकाबपोश लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था। परिसर में रविवार को हुई हिंसा की जांच कर रही अपराध शाखा सभी 14 शिकायतों की जांच भी कर रही है। इससे पहले, पुलिस को हिंसा के संबंध में 11 शिकायतें मिली थी, जिसमें एक शिकायत एक शिक्षक द्वारा दर्ज कराई गई है जबकि अन्य छात्रों द्वारा दर्ज की गई है। अधिकारी ने बताया कि ‘अब तक, हमें 14 शिकायतें मिली हैं और आगे भी कोई शिकायत आएगी, तो उन्हें जांच के लिए अपराध शाखा को भेजा जाएगा।’
जोशी ने भी मांगा इस्तीफा
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी जगदीश कुमार पर मंत्रालय का आदेश नहीं मानने का आरोप लगाते हुए उन्हें जेएनयू के वीसी पद से हटाने की मांग की है। जेएनयू परिसर में हुई हिंसा के बाद से वीसी जगदीश कुमार से इस्तीफे की लगातार मांग उठ रही है। इतना ही नहीं जेएनयू छात्र संघ के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम सहित कई नेता भी उनके इस्तीफे की मांग कर चुके हैं